तुम्हे आरजू है चाहत की और, मेरे दिल में प्यार का समंदर है,
पर चाहता हूं तुम्हें थोड़ा-थोड़ा, क्योंकि तेरे बह जाने का डर है।
पर चाहता हूं तुम्हें थोड़ा-थोड़ा, क्योंकि तेरे बह जाने का डर है।
V inod Kushwaha हर नई पीढ़ी आती है बड़ी होती है और कोई एक्सप्रेस पकड़ती है दूर दराज शहर को चली जाती है। सदियों से ये हमारी...
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