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Sunday, January 3, 2021

वो बात अपनी निभाये जा रही है


वो बात अपनी निभाये जा रही है
हम हैं की झूठ बोले जा रहे हैं
वो मेरे क़रीब आते जा रही है
हम हैं की उनसे दूर जा रहे हैं
वो रिश्तों में बंधे जा रही है
हम हैं कि दुनियाँ की परवाह किये जा रहे हैं
वो मुझे अपना बनाये जा रही है
हम हैं की उन्हें ग़ैर समझ रहे हैं
वो मेरी खुशियाँ संजोये जा रही है
हम हैं की उन्हें समझ नहीं रहे हैं
वो मेरे साथ जीना चाह रही है
हम हैं की उसके बग़ैर जीना चाह रहे हैं
बात बस इतनी सी है कि
हम उन्हें समझाना नहीं चाहते 
और वो समझन नहीं चाहती
उनके बगैर हम जीना नहीं चाहते
वो है की इस बात को समझना नहीं चाहती
          vinod kushwaha

Tujhko likhu ya tumper likhu

Tujhko likhu ya tumper likhu 
Yehi Uljhan Her bar hai
Tujhpe likhta hu to mujhe nind nhi aati
 Tujhko likhta hu to tujhe nind nhi aati
 Likhu to kispe likhu yehi uljha sa swal hai
Tujhpe likhta hu to mera dil bura man jata 
Tujhko likhta hu to tum bura man jatey
Jhuth likhu sachae likhu ya teri ruswae likhu
Tu jo ho o likhu ya tum jo kahte ho o likhu ya
Apni jajbato ko likhu bolo kya likhu
Tujhpe peyar likhu ya teri takrar likhu 
Ya tere karname hazar likhu jo bolo wahi mai likhu
Bolo chand ko suraj likhu ya sitaro ko chand likhu  ya jamin ko aasama likhu
Tum hi bta do mai kya likhu mai kya likhu

Friday, November 13, 2020

दर्द हैं जिन्दगी में फिर भी जिना तों है

वो सिरफिरी हवा थी सम्भालना पड़ा मुझे,
मैं आख़िरी चिराग था घर का जलना पड़ा मुझे
अंधेरी रातों में दर्द से रूबरू हो के 
डगमगाती रास्तों पर चलना पड़ मुझे
आंधीयों में भी भिगी हुई माचीस की तीलीयो से 
ज़िन्दगी कि लौव जलाना पड़ा मुझे 
उम्मीद न थी कि ये दिपक इतनी तुफानों में भी
दिपक जलाने के दिन तक जलते रहेंगे।
फ़िर भी यकिन दिलाना पड़ा मुझे
डुबती हुई जिन्दगी को यु बचाना पड़ा मुझे
दर्द हैं जिन्दगी में फिर भी जिना तों है 
खुद को ऐ बताना पड़ा मुझे
अंधेरी रात बित जाती है। दिपक के  सहारे
उजाले भरें दिन आते हैं इक दिन बांह पसारे
ऐ यकिन दिलाना पड़ा मुझे
वो सिरफिरी हवा थी सम्भालना पड़ा मुझे,
मैं आख़िरी चिराग था घर का जलना पड़ा मुझे
मैं आख़िरी चिराग था घर का जलना पड़ा मुझे



पूर्वांचल एक्स्प्रेस

एसी कोच  से जनरल कोच  तक, जनरल  कोच से एसी  कोच  तक का सफर बताता है।  इस देश में कितनी विविधता है।  जनरल कोच में बैठ के अतीत को देख रहा था ६...