Friday, June 26, 2020

मोहब्बत हो गई जिस को उसे अब देखना क्या है

मोहब्बत हो गई जिस को उसे अब देखना क्या है
भला क्या है बुरा क्या है सज़ा क्या है जज़ा क्या है

ज़रा तुम सामने आओ नज़र हम से तो टकराव
किसे फिर होश हो तुम ने कहा क्या है सुना क्या है

मोहब्बत जुर्म ऐसा है कि मुजरिम है खड़ा बे-सुध
किया क्या है गुनह क्या है सज़ा क्या है ख़ता क्या है

न आना इश्क़ के बाज़ार में अंधी तिजारत है
दिया क्या है लिया क्या है बिका क्या है बचा क्या है

ज़माना झूम उट्ठा है सदा-ए-दाद आती है
न जाने आज 'माहम' ने ग़ज़ल में कह दिया क्या है

No comments:

Post a Comment

बचपन बच्चों जैसा होना चाहिए

बरसात के दिनों में क्लास में बच्चों को घर जा के बरामदे और बंगले में बैठ के पढ़ने की बातें सुनते हुए हमने घर जा के त्रिपाल को बांस के खंभों म...