जीवन के हर त्रासदी के बाद आदमी के हिस्से में इतना जरूर आना चाहिए, राशन, मिटी, पानी और प्यार जिसके सहारे वो जी सके बाकी बची उम्र।
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Sunday, July 27, 2025
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बचपन बच्चों जैसा होना चाहिए
बरसात के दिनों में क्लास में बच्चों को घर जा के बरामदे और बंगले में बैठ के पढ़ने की बातें सुनते हुए हमने घर जा के त्रिपाल को बांस के खंभों म...
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ज़िंदगी के ऐसे कई मसले होते है जो हम अंदर ही अंदर बिना किसी से कुछ कहे बस लड़ रहे होते है। वो चाहे फिर घर की परेशानियां हो, कैरियर की हो, पा...
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इस तूफ़ान से गुज़रते हुए, बदल रही हैं चीजें । सीख जाओगे एक रोज़ तूफ़ानों में भी शांत रहना। कई लकीरें उभर आयेंगी चेहरे पर, और उन लकीरों में क...
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चूल्हे चौका, बिंदी, टीका, और घूंघट से निकलकर महिलाओं को। देश, नौकरी, राजनीति, समाज, पे बाते करने तक का सफर सदियों से आज तक एक मील नहीं चल पा...
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It all started back in 2014 when I first saw her. It was first day of my college life and I was late for the class . As I entered th...
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सन २०२० चल रहा था पुरी दुनिया में खलबली मची हुई थी।,करोना वायरस का आक्रमण पुरी दुनिया में फ़ैल चुका था चारों तरफ लाशों का ढेर लगी हुआ थी को...
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मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है, 2020 मजदूर का मतलब हमेशा गरीब से नहीं होता हैं, मजदूर वह ईकाई हैं, जो हर सफलता का अभिन्न अंग हैं,...
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पुराने ज़माने की बातें जब भी सुनता हूँ, तो लगता है—सच में कुछ ख़ास नहीं बदला है। यहाँ अब भी वही पुरानी चीज़ें हो रही थीं, वहां इ...
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यह कैसी है दिल्ली भाई। हमको कुछ समझ न आई।। पहाड़गंज में 'पहाड़' नहीं दरियागंज में 'दरिया' नहीं।। चाँदनी चौक में कहाँ ...