Friday, March 29, 2019

देखो-देखो राजनीति के कैसे खेल ये निराले है


देखो-देखो राजनीति के
कैसे खेल ये निराले है

बेईमान महलों में सोवे
मेहनतकश बने रखवाले है
नेता हो या अभिनेता सब मस्ती में डूबे है
ईमानदारी और नैतिकता
जैसे शब्दों से ऊबे
करते रहते नित दिन ये
सत्य-अहिंसा की बातें
जनसेवा और परोपकार से
ये प्रतिदिन हैं घबराते
लूट, कमीशनखोरी इनकी
बन गई जीवनशैली इनकी
चाहे कितना भी हो गिरना
खाली हो न इनकी थैली
'मैं'-'मैं' करके लोक‍तंत्र को
इन्होंने है मार डाला

Reservation की आड मे जनता को कर रखा है मतवाला
हम सबकी आखो पे बाध रखा है पटी काला 
Reservation की हेराफेरी मे करते है ये बडा घोटाला
खुद बैठे रहते है महलो मे 
जनता से सडको पे करवाते है हाला
वे वोट लेने का इनका पुराना अनदाज है निराला 

Written by : Vinod kushwaha..29-3-2019

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