यह कैसी है दिल्ली भाई।
हमको कुछ समझ न आई।।
पहाड़गंज में 'पहाड़' नहीं
दरियागंज में 'दरिया' नहीं।।
चाँदनी चौक में कहाँ चाँदनी?
और धौला कुआँ में 'कुआँ' नहीं।।
नई सड़क पुरानी दिल्ली ।
और किला पुराना नई दिल्ली में।।
बेसहारों को भगाती दिल्ली
मजबुरो को तड़पाती दिल्ली
भुखो को ललचाती दिल्लीः
काय को दिल्ली रे साला यहां तो दिल ही नहीं
हमको कुछ समझ न आई।।
पहाड़गंज में 'पहाड़' नहीं
दरियागंज में 'दरिया' नहीं।।
चाँदनी चौक में कहाँ चाँदनी?
और धौला कुआँ में 'कुआँ' नहीं।।
नई सड़क पुरानी दिल्ली ।
और किला पुराना नई दिल्ली में।।
बेसहारों को भगाती दिल्ली
मजबुरो को तड़पाती दिल्ली
भुखो को ललचाती दिल्लीः
काय को दिल्ली रे साला यहां तो दिल ही नहीं
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