Thursday, February 18, 2021

हर किसी को चाहिए ईक मुठ्ठी आसमां

उसने पूछा की

'आसमान छूने जा रहे हो?'
मैंने कहाँ 'हाँ!!! '

उसने कहा .....

जा छू लेना हाथ बढ़ा के
आसमान को '
और मुझे बताना

कैसा था? आसमां
फूल सा नाज़ुक
या
रुई सा नरम?

ले आना अपने साथ
थोड़ा सा अहसास
आसमां का
और
कराना महसूस

मुझे......मेरे आसमां से
मुझे भी चाहिए मेरा आसमां
मै भी चाहता हूं अपने हिस्से की आसमां
इक मुठ्ठी आसमां तेरे हाथों। 


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