सड़कें आख़िर सड़कों को क्यूँ काटती हैं?
क्यूँकि तभी तो नए रास्ते बनते हैं
समानांतर रेखाएँ अनन्त तक जाती हैं
मगर रेखाएँ एक दूसरे को अगर काटे नहीं
तो कोई तस्वीर बनेगी क्या ?
मुझे रेखाओं का, सड़कों का काटना
रोमांचकारी लगता है
मैं सीधी रेखा में नहीं चलूँगा
मेरी कल्पनाओं को बोरियत होती है
मेरी कहानी में कुछ काटा काटी ज़रूरी है
जैसे बच्चे काटते हैं ग़लत लिखा हुआ
मैं एक रफ़ वर्क हूँ, हमेशा सब कुछ फ़ेयर नहीं होगा
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