Saturday, January 9, 2021

ये थोड़ा सा जीवन,

ये थोड़ा सा जीवन,
अधूरा सा मौसम,
ये रंगों की चाहत,
गुलाबों की हसरत,

ये रोशन सवेरे,
ये मद्धम अँधेरे,
किसी रोज तन्हा मिलो तो बताएँ,
ख्यालों की राहें,
चमकती निगाहें,

वफाएं निभाना,
अदाएं दिखाना,
ये एक सिलसिला है,
मगर फासला है,

अगर जान जाओ तो अहसास रखना,
इसे राज़ रखना,
करो एक वादा,
बना लो इरादा,

मुलाक़ात कर लो,
वही बात कर लो,
किसी रोज तन्हा मिलो तो बताएँ,
  

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