मैंने प्रेम की कई व्याख्यायें पढीं
और जाना सिर्फ इतना
कि मैं तुम्हें बिना बताये भी
तुमसे प्रेम कर सकता हूँ।
अगर सामने वाला चरित्रहीन है
तो उससे बिन बताए ही प्रेम
करने में समझदारी होती है
क्यों की चरित्रहीन लोग
कभी किसी से प्रेम नहीं कर सकते
प्रेम उनके लिए बस व्यवसाय जैसा
होता है।
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