कुछ कहानियाँ कभी ख़त्म नहीं होतीं, अपने
भीतर पूरा जीवन समेटे वो कहानियाँ
अनवरत हमारी चेतना में बहती रहती हैं और
उनके शब्द हमारे ज़ेहन में अंकित हो जाते हैं।
उनमें बसे क़िरदार हमारे भीतर बस कर साँस
लेने लगते हैं। वो कहानियाँ इतनी सूक्ष्मता से
हमें बदल देती हैं कि हमें पता ही नहीं चलता
कि हम अपने गुज़रे कल से कुछ अलग बन
चुके हैं। जिस आत्मीयता को हम जीते-जागते
इंसानों में ढूँढ़ रहे होते हैं, उसका अक्स हमें
इन कहानियों में मिलता है।
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